कानून के दुरुपयोग पर उपभोक्ता पर लगाया जुर्माना

गुरुग्राम। उपभोक्ता आयोग ने एक याचिकाकर्ता द्वारा पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड और बिल्डर कंपनी यूनिटेक लिमिटेड के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। आयोग ने मामले को कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग करार देते हुए याचिकाकर्ता पर ही एक लाख का जुर्माना लगाया है। आयोग ने आदेश दिया है कि जुर्माने की इस राशि को उपभोक्ता को 45 दिनों के भीतर पीएनबी हाउसिंग को देना होगा।

द्वारका,नई दिल्ली के रहने वाले याचिकाकर्ता कामलनयन गुप्ता और उनकी पत्नी ने 2011 में बिल्डर कंपनी यूनिटेक लिमिटेड द्वारा यूनिटेक साउथ पार्क सेक्टर- 70 में विकसित एक आवासीय अपार्टमेंट बुक किया था। अपार्टमेंट की कीमत करीब 78.84 लाख रुपये थी। इसके लिए याचिकाकर्ता ने पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस से 64 लाख का लोन लिया था। अपार्टमेंट को तीन साल में हैंडओवर करने की समय सीमा थी, लेकिन यूनिटेक लिमिटेड ने समय पर संपत्ति का कब्जा नहीं सौंपा था। इसके चलते, याचिकाकर्ता ने उपभोक्ता आयोग में बिल्डर कंपनी यूनिटेक और पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। याचिका दाखिल कर दी। इस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने माना कि उपभोक्ता को पूरा पैसा बिल्डर कंपनी से वापस मिल चुका है। ऐसे में उसने अनावश्यक ही आयोग का समय बर्बाद किया है। इस पर सख्त रुख अपनाते हुए आयोग ने उपभोक्ता की अर्जी को खारिज करते हुए उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया। साथ ही आदेश दिया उपभोक्ता पीएनबी हाउसिंग लोन कंपनी को उसकी राशि भी चुकाए।

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