अधिग्रहीत होने वाली जमीन पर अवैध निर्माण कर रहें लोग
ग्रेटर नोएडा। एयरपोर्ट के दूसरे व तीसरे चरण में अधिग्रहीत की जाने वाली आबादी के आसपास खेतों में अवैध निर्माण कर बाहरी किसान अनुचित लाभ लेने की जुगत में हैं। निर्माण कार्य का मुआवजा उठाने के प्रयासों में जुटे लोगों की स्थानीय ग्रामीणों ने शिकायत भी की है। तीसरे चरण के लिए जेवर के 14 गांव की 2,053 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही इस क्षेत्र में बड़े स्तर पर लोगों ने अवैध रूप से नव निर्माण शुरू कर दिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि मिलीभगत से सब हो रहा है नव निर्माण का भी मुआवजे की लिए सर्वे हो रहे है, जबकि शासन ने दिसंबर में नव निर्माण के भुगतान पर रोक लगा दी थी।
नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट जेवर के विस्तारीकरण के दूसरे चरण में रन्हेरा, कुरैब, करौली बांगर, दयानतपुर, बीरमपुर, व मुढ़रह की 1,181 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया। साथ ही रन्हेरा, कुरैब, करौली बांगर के माजरा नगला हुकमसिंह का विस्थापन किया जा रहा है। वहीं, एयरपोर्ट के तीसरे चरण में जेवर के थोरा, बंकापुर, नीमका, खाजपुर, चौरोली, रामनेर, बनवारीवास, किशोरपुर, रोही, साबौंता, जेवर बांगर, मुकीमपुर सिवारा, दयानतपुर, पारौही कुल 14 गांव की 2,053 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। इस जमीन का शासन के आदेशों के बाद एसआईए सर्वे का काम भी गौतमबुद्ध विश्वद्यिालय की टीम ने पूरा कर लिया है। विशेषज्ञ समूह की बैठक के बाद रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है। जिसके बाद अब कभी भी अधिग्रहण के लिए धारा 11 की अधिसूचना का प्रकाशन किया जा सकता है। लेकिन, इस जमीन के अधिग्रहण की भनक लगते ही कुछ स्थानीय लोगों के अलावा दिल्ली एनसीआर व हरियाणा में रहने वाले लोगो ने बड़ी संख्या में जमीन खरीदते हुए उसपर मुआवजा व विस्थापन टाउनशिप में प्लॉट के लालच में अवैध निर्माण खड़ा करना शुरू कर दिया।
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